झारखंड में एक बार फिर हेमंत सोरेन की सरकार: हेमंत सोरेन ने 45 विधायकों का समर्थन पाकर विश्वास मत किया हासिल
झारखंड फ्लोर टेस्ट: विपक्ष के हंगामें के बीच हेमंत सोरेन ने विश्वास मत हासिल किया
झारखंड, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधान सभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच विश्वास मत हासिल कर लिया। विश्वास मत के दौरान 81 सदस्यीय विधानसभा में कुल 45 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में अपना मतदान किया। वहीं निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के तौर पर सत्ता संभालने वाले हेमंत सोरेन को झारखंड विधान सभा के अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए एक घंटे का वक्त आवंटित किया था।
विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बाद गिनती शुरू होते ही बीजेपी और अखिल झारखंड छात्र संघ यानी आजसू के विधायक सदन से बाहर चले गए। गौरतलब है कि झारखंड विधान सभा में बीजेपी के 24 और आजसू के तीन विधायक हैं।
विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से एक दिन पहले सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों ने विशेष विधान सभा सत्र के लिए अपनी-अपनी रणनीति तैयार करने के लिए अलग-अलग बैठकें भी की थी। इस बैठक में जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद विधायकों ने विश्वास मत हासिल करने का भरोसा जताया था, वहीं विपक्षी पार्टी बीजेपी ने दावा किया था कि सत्तारूढ़ गठंबंधन के लिए विश्वास मत हासिल करना आसान नहीं होगा। अब बहुमत साबित करने के बाद सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार होना भी तय माना जा रहा है।
वर्तमान में झारखंड विधान सभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन के सदस्यों की संख्या 45 रह गई है। इनमें जेएमएम के 27, कांग्रेस के 17, राजद के एक और माले के एक विधायक शामिल हैं। दरअसल जामा से जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने इस्तीफा दे कर बीजेपी के टिकट पर लोक सभा चुनाव लड़ा था। वहीं जेएमएम के दो विधायक नलिन सोरेन और जोबा मांझी अब सासंद चुन लिए गए हैं। इससे विधान सभा में जेएमएम गठबंधन की सदस्यों की संख्या घटकर 45 रह गई है।
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी विधायकों की सदस्य संख्या भी घटकर 24 हो गई है, क्योंकि बीजेपी के भी दो विधायक ढुलू महतो और मनीष जायसवाल अब सांसद बन गए हैं। जबकि बीजेपी ने मांडू से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को कांग्रेस में शामिल होने के बाद निष्कासित कर दिया था। इसमें आजसू के 3, एनसीपी के एक और 2 निर्दलीय विधायकों को जोड़ दे तो वर्तमान में 81 सदस्यीय झारखंड विधान सभा में कुल 76 विधायक हैं।
दरअसल कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन 28 जुलाई को जेल से रिहा हुए थे। इसके बाद 3 जुलाई को सोरेन ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। साथ ही 44 विधायकों की समर्थन सूची भी राज्यपाल को सौंपी थी। हेमंत सोरेन ने 4 जुलाई को झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।