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अल-जवाहिरी को मारने वाला अमेरिका का सीक्रेट मिसाइल: क्या है खासियत और खूबियां?

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दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन अलकायदा के प्रमुख अयमान अल जवाहिरी को अमेरिका ने एक सीक्रेट मिसाइल के जरिए मार गिराया। अपनी सटीक निशाना और बिना किसी विस्फोट और अन्य हानी के लक्ष्य को मारने वाले इस रहस्यमयी मिसाइल का इस्तेमाल अमेरिका पहले भी आतंकियों को मारने में कर चुका है। लेकिन जवाहिरी की मौत के बाद इस मिसाइल को लेकर चर्चा पूरी दुनिया में होने लगी कि आखिर क्या है Hellfire R9X Missile... और कैसे यह बिना चुके अपने टारगेट को काट डालता है। अमेरिका का यह रहस्यमयी Hellfire R9X Missile की तमाम खूबियों और खासियतों से लैस है।

फरवरी 2017 की एक सुबह... अलकायदा में दूसरे नंबर का आतंकवादी अबू खैर अल मासरी सीरिया के एक प्रांत से गुजर रहा था... इन सब बातों से बेफिक्र की कोई उसकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है... अचानक उसके गाड़ी पर एक ड्रोन अटैक होता है... लेकिन कहीं कोई धमाका नहीं होता है... और ड्रोन अटैक से छोड़ी गई मिसाइल उसके कार के ऊपरी हिस्से को भेदते हुए अंदर बैठे अबू खैर अल मासरी को मौत की निंद सुला देती है.... ड्रोन अटैक पूरी तरह से सफल होता है... और पहली बार पूरी दुनिया को एक यैसे रहस्यमयी मिसाइल के बारे में पता चलता है जो बिना किसी आवाज और विस्फोट के अपने टारगेट को हिट करने में सौ फीसदी सफल है। यह नई मिसाइल थी AGM 114 R9X Hellfire Missile

अल-जवाहिरी को मारने में Hellfire R9X Missile का इस्तेमाल

इसके बाद अमेरिका ने अपने इस रहस्यमयी मिसाइल का इस्तेमाल अनेको बार सीरिया, लीबिया, अफगानिस्तान और यमन में अलकायदा और आईएसआईएस के आतंकियों को मारने के लिए किया। 31 जुलाई 2022 को अमेरिका ने एक बार फिर अपने सीक्रेट वेपन Hellfire R9X Missile का इस्तेमाल कर काबुल में एक सेफ हाउस की बालकनी में खड़े अल कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया। इसके बाद पूरी दुनिया में इस रहस्यमयी मिसाइल के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गई। और दुनिया भर में उसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गई। तो चलिए हम आपको बताते हैं अमेरिका के इस खास रहस्मयी मिसाइल की तकनीक और खासियत के बारे ।

Hellfire R9X Missile की खासियत

हेलफायर का मतलब होता है- Heliborne Laser Fire-&-Forget Missile System.

हेलफायर R9X मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें कोई वारहेड यानि विस्फोटक नहीं होता है। इसके बजाय इसमें बहुत तेज धार वाले चाकू जैसे ब्लेड होते हैं जो अपने टारगेट के नजदीक पहुंच कर मिसाइल से बाहर निकलते हैं और बड़े पैमाने पर बिना कोई नुकसान पहुंचाए अपने लक्ष्य को काट देते हैं। इस मिसाइल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह अपने लक्ष्य को मारने के लिए सौ पाउंड से ज्यादा मोटे धातु के टुकड़े को भी भेद सकती है चाहे वह कार हो या कोई इमारत। R9X मिसाइल का सबसे घातक पहलू है इसमें लगे छह स्टील के ब्लेड जो अपने टारगेट के रास्ते में आने वाले सभी चीजों को काट देते हैं।

पारंपरिक हेलफायर मिसाइल जो करीब पांच फीट से थोड़ा अधिक लंबा और करीब सौ पाउंड भार के बराबर होती है। आमतौर पर अपने पीछे टारगेट को हिट करने के बाद बड़े पैमाने पर मलबा और विनाश का निशान छोड़ देती है जबकि R9X मिसाइल ऐसा कोई साक्ष्य नहीं छोड़ती। दरअसल इसे किसी खास व्यक्ति को निशाना बनाने के लिए ही तैयार किया गया है।

R9X मिसाइल की खूबियों की वजह से इसे ‘फ्लाइंग जिंसु’ और ‘निंजा मिसाइल’ भी कहा जाता है।

कैसे काम करती है Hellfire R9X Missile?

हेलफायर R9X मिसाइल के काम करने के तरीकों की बात करें तो सबसे पहले R9X मिसाइल को अटैक के लिए बने खास ड्रोन से टारगेट को लक्ष्य कर लॉन्च किया जाता है। मिसाइल के हवा में रहने के दौरान उसमे लगे ब्लेड मिसाइल के अंदर ही रहते हैं। जब मिसाइल अपने टारगेट के पास पहुंचती है तो काइनेटिक एनर्जी यानी गतिज ऊर्जा पर काम करते हुए अपने लक्ष्य को हिट करती है इस दौरान मिसाइल में लगे छह खतरनाक ब्लेड उससे बाहर निकलते हैं और बिना किसी अन्य चीजों को बर्बाद किए अपने लक्ष्य का काम तमाम कर देते हैं। दरअसल, जब लक्ष्य को टारगेट कर मिसाइल हवा में छोड़ा जाता है तो उसके बाद मिसाइल को लेजर के जरिए लगातार गाइड किया जाता है। ड्रोन से छूटने और अपने टारगेट तक पहुंचने के दौरान मिसाइल ध्वनि के गति से यात्रा करती है। जिससे लक्ष्य को मिसाइल से बचने के लिए बहुत कम समय मिल पाता है और मिसाइल अपने काम को सफलतापूर्वक अंजाम दे देती है।

आमतौर पर यह माना जाता है कि करीब 180 सेंटीमीटर लंबे मिसाइल को MQ-9 Reaper और MQ-1 C GRAY EAGLE ड्रोन से लॉन्च किया जाता है। हालांकि पेंटागन ने अभी तक इसके बारे में कुछ नहीं बताया है।

सीआईए और अमेरिकी रक्षा विभाग सीक्रेट ऑपरेशन के लिए करते हैं इस्तेमाल

दरअसल, शुरू में हेलफायर मिसाइल का निर्माण अपाचे एच-64 अटैक हेलीकॉप्टरों से टैंकों को नष्ट करने के लिए अमेरिका में विकसित किया गया था। हेलफायर R9X मिसाइल मूल रूप से हेलफायर मिसाइल का ही संशोधित रूप है। 1980 के दशक में हेलफायर मिसाइल को अमेरिकी सेना में शामिल किया गया और कई युद्धों में इस मिसाइल का इस्तेमाल भी किया गया। वहीं, राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासनकाल में हेलफायर R9X मिसाइल को विकसित करने पर काफी जोर दिया गया ताकि बिना किसी जान-माल की हानि के आतंकी टारगेट को खत्म किया जा सके। अमेरिका के इस खास मिसाइल का इस्तेमाल अमेरिकी रक्षा विभाग और सीआईए दोनों अपने-अपने ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए करते हैं।

मिसाइल हमले में लक्ष्य को मारने के साथ ही आम नागरिक और निर्दोष लोगों की जान को बचाने के लिए इजाद किए गए हेलफायर R9X अपने टारगेट को हिट करने में अब तक करीब सौ फीसदी सफल रहा है। आम नागरिकों के बीच छुप कर रहने वाले आतंकी भी इसके निशाने से बच नहीं पाते हैं। चाकू मिसाइल के नाम से भी जाना जाने वाला R9X मिसाइल टार्गेट हिट करने के बाद किसी भी तरह का निशान नहीं छोड़ती। यही वजह है कि अमेरिका खतरनाक आतंकियों को मारने के लिए दर्जनों बार इस मिसाइल का इस्तेमाल कर चुका है।

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