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वैश्विक

तमाम सहयोग के बावजूद मालदीव क्यों हो गया भारत के खिलाफ? किसकी गलती, कौन जिम्मेदार? भारत के लिए क्यों जरूरी है मालदीव?

India - Maldives
भारत के दक्षिण में हिंद महासागर के बीच लक्षद्वीप समूह के दक्षिण और श्रीलंका के पास स्थित मूंगे से बने 1200 द्वीपों से बना एक छोटा सा देश है मालदीव... जहां नीले समुद्र से घिरे सफेद रेत के किनारों वाले द्वीप पूरी दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं। लेकिन आज पूरी दुनिया की निगाहें यहां जारी राजनीतिक उठापटक और भारत-मालदीव के राजनयिक रिश्तों में आई कड़वाहट पर टिक गई है। दरअसल क्षेत्रफल और आबादी के लिहाज से एशिया के इस सबसे छोटे देश से भारत की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, जातीय, भाषायी और सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने रहे हैं। लेकिन अक्टूबर 2023 में प्रोग्रेसिव अलायंस के नेता मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के साथ दशकों से मजबूत दोनों देशों के संबंधों में तनाव आने शुरू हो गए।  

अल-जवाहिरी को मारने वाला अमेरिका का सीक्रेट मिसाइल: क्या है खासियत और खूबियां?

hellifire

दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन अलकायदा के प्रमुख अयमान अल जवाहिरी को अमेरिका ने एक सीक्रेट मिसाइल के जरिए मार गिराया। अपनी सटीक निशाना और बिना किसी विस्फोट और अन्य हानी के लक्ष्य को मारने वाले इस रहस्यमयी मिसाइल का इस्तेमाल अमेरिका पहले भी आतंकियों को मारने में कर चुका है। लेकिन जवाहिरी की मौत के बाद इस मिसाइल को लेकर चर्चा पूरी दुनिया में होने लगी कि आखिर क्या है Hellfire R9X Missile... और कैसे यह बिना चुके अपने टारगेट को काट डालता है। अमेरिका का यह रहस्यमयी Hellfire R9X Missile की तमाम खूबियों और खासियतों से लैस है।

परमाणु हमले के लिए हिरोशिमा और नागासाकी को ही क्यों चुना गया? दुनिया का पहला परमाणु हमला और बर्बादी की कहानी...

Hiroshima

दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जापान पर गिराए गए परमाणु बम की भयावह घटना को कोई कैसे भूल सकता। दुनिया के इतिहास में घटे इस सबसे बड़ी युद्ध त्रासदी ने पलक झपकते ही दो हंसते-खेलते शहरों को मिट्टी में मिला दिया, बर्बादी की ऐसी पराकाष्ठा लिखी दी, जो न कभी हुआ था और ना ही उसकी कल्पना की जा सकती थी। सात दशक से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद, आज भी हिरोशिमा और नागासाकी के लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं उस घटना को याद कर। इस परमाणु हमले ने लाखों लोगों की जीवन को लील लिया। लाखों लोगों के जीवन को जिंदा नरक बना दिया। दरअसल इस वीभत्स हमले में जो मरे...वो बेहद दुखदायी तो था ही...लेकिन असल दुर्भाग्य तो उन लोगों और पीढ़ियों का शुरू हुआ जो इसमें बच गए, जख्मों औ परमाणु विकिरण से तिल-तिल मरने के लिए।

रूस-यूक्रेन युद्ध: भाग-4, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले आर्थिक प्रभाव

Russia Ukraine Crisis Part4

रूस-यूक्रेन युद्ध सीरीज के तीसरे भाग में हमने बात की थी कि, नाटो क्या है, और रूस-यूक्रेन विवाद में नाटो की भूमिका कितनी बड़ी है? साथ ही हमने रूस-यूक्रेन की सैन्य क्षमता के साथ ही परमाणु हथियारों की चर्चा भी की थी। रूस-यूक्रेन युद्ध सीरीज के चौथे भाग में हम चर्चा करेंगे... रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर की। युद्ध न सिर्फ मानवीय त्रासदी के कारण बनते हैं, बल्कि आर्थिक बर्बादी भी लाते हैं। और खासकर तब, जब खुली अर्थव्यवस्था और ग्लोबल विलेज की वैश्विक संकल्पना के साथ दुनिया के हर देश व्यापार और कारोबार के जरिए एक दूसरे के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हों। ऐसे में रूस-यूक्रेन युद्ध का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ना लाजिमी है।

रूस-यूक्रेन युद्ध (भाग-3) : नाटो की भूमिका, यूक्रेन क्यों चाहता है नाटो में शामिल होना और रूस को क्यों है आपत्ति?

Russia Ukraine Crisis

रूस-यूक्रेन युद्ध सीरीज के दूसरे भाग में हमने चर्चा की थी कि सोवियत शासन के दौरान रूस और यूक्रेन के बीच संबंध कैसे थे और सोवियत संघ टूटने के बाद कैसे यूक्रेन एक स्वतंत्र देश बना। इसके साथ ही हमने क्रीमिया के इतिहास और रूस द्वारा क्रीमिया के अधिग्रहण की बात भी बताई थी। हालांकि, यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद से उसकी नीति पश्चिमी देशों की तरफ झुकती चली गई और वह रूस के प्रभाव से निकल कर नाटो का सदस्य बनने की राह पर चल पड़ा। और यहीं से रूस और यूक्रेन के संबंध बिगड़ने शुरू हो गए और स्थिति युद्ध तक पहुंच गई। रूस यूक्रेन युद्ध सीरीज के विशेष आलेख के इस तीसरे भाग में हम चर्चा करेंगे कि नाटो को लेकर रूस इतना कड़ा रुख क्यों रखता है? और वह क्यों नहीं चाहता है कि यूक्रेन किसी भी सूरत में नाटो का सदस्य बने? साथ ही बात करेंगे कि नाटो क्या है? इसका मकसद क्या है? यूक्रेन क्यों नाटो का सदस्य बनना चाह रहा है और रूस क्यों इसका विरोध कर रहा है? इसके अलावा नाटो से रूस के रिश्ते अब तक कैसे रहे हैं? और भविष्य में किस तरह के संबंध होने की संभावना है।