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चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई

चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई

अब पंचायत चुनाव में भी होगा खर्च का हिसाब-किताब

देहरादून। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से इस बार चुनावी खर्च पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं और जिलावार पर्यवेक्षक नियुक्त किए जा रहे हैं ताकि प्रत्येक प्रत्याशी के खर्च का सटीक हिसाब रखा जा सके।

राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में खर्च की सख्त निगरानी का निर्णय लिया है। आयोग के अनुसार, इस बार जिलावार पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे जो प्रत्येक प्रत्याशी के व्यय का मिलान करेंगे और उसका विस्तृत ब्योरा एकत्र करेंगे। निकाय चुनाव की तर्ज पर जिन प्रत्याशियों ने खर्च का विवरण नहीं दिया, उनके खिलाफ पहले से कार्रवाई जारी है। अब पंचायत चुनाव में भी उसी तरह की सख्ती बरती जाएगी।

आयोग के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि इस बार केवल पर्यवेक्षक ही नहीं, बल्कि जिलास्तर पर भी व्यय की रिपोर्टिंग पर नजर रखी जाएगी। सभी प्रत्याशियों से अपेक्षा की गई है कि वे तय सीमा के भीतर ही खर्च करें। खास बात यह है कि इस बार विभिन्न पदों के लिए चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा में वृद्धि की गई है।

इस बार चुनाव खर्च सीमा में ये हुए हैं बदलाव

पद

पहले की सीमा

संशोधित सीमा

सदस्य, ग्राम पंचायत

₹10,000

₹10,000

उप प्रधान

₹15,000

₹15,000

प्रधान

₹50,000

₹75,000

सदस्य, क्षेत्र पंचायत

₹50,000

₹75,000

सदस्य, जिला पंचायत

₹1,40,000

₹2,00,000

कनिष्ठ उप प्रमुख

₹50,000

₹75,000

ज्येष्ठ उप प्रमुख

₹60,000

₹1,00,000

प्रमुख, क्षेत्र पंचायत

₹1,40,000

₹2,00,000

उपाध्यक्ष, जिला पंचायत

₹2,50,000

₹3,00,000

अध्यक्ष, जिला पंचायत

₹3,50,000

₹4,00,000

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