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Jammu and Kashmir : Delimitation | जम्मू-कश्मीर परिसीमन: इतिहास, बदलाव और असर !

देश के अलग-अलग इलाकों के साथ ही एक ही राज्य के अंदर विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में जनसंख्या की असमान वृद्धि को संतुलित करने और क्षेत्रफल के हिसाब से सीटों का निर्धारण करने के लिए एक निश्चित अंतराल पर परिसीमन जरूरी है। जिसमें सामान्य और अनु. जाति और जनजाति के लिए सीटें तय होती हैं। इसके साथ ही लोगों के एक स्थान से दूसरे स्थान खासकर ग्रामीण इलाकों से शहरी क्षेत्रों की ओर लगातार प्रवास की वजह से भी एक ही राज्य के भीतर अलग-अलग आकार के चुनावी क्षेत्र बन जाते हैं। इन्हें एक समान आकार देने और भौगोलिक रूप से समरूपता प्रदान करने के लिए भी परिसीमन जरूरी हो जाता है। और सबसे बढ़कर एक मजबूत राजनीतिक प्रणाली और लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनसंख्या के समान खंडों को समान प्रतिनिधित्व देने के लिए समय-समय पर परिसीमन बेहद जरूरी है। और परिसीमन आयोग इस काम को बखूबी अंजाम देता है।