क्या आपको भी आता है बहुत ज्यादा गुस्सा, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान

गुस्सा आना एक स्वाभाविक प्रकिया है, ये एक सामान्य मानवीय भावना है। किसी चीज को लेकर निराशा, गलत महसूस करने या स्थितियों से नियंत्रण खोने की प्रतिक्रिया में आपको गुस्सा आता है। इसे तनाव को कम करने के लिए शरीर के मैकेनिज्म का भी एक हिस्सा माना जाता है। हालांकि गुस्सा या कोई भी शारीरिक भावना तभी तक अच्छी है जब तक ये आपके नियंत्रण में रहती है।
क्या आपको बहुत ज्यादा या लगातार गुस्सा आता रहता है? अगर हां तो सावधान हो जाइए, ये स्थिति आपकी सेहत को कई प्रकार से प्रभावित करने वाली हो सकती है। बहुत ज्यादा गुस्सा आने की समस्या हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। कुछ स्थितियों में इसके जानलेवा दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
ज्यादा गुस्सा आने का हृदय स्वास्थ्य पर असर
कई शोध इस बात को प्रमाणित कर चुके हैं कि ज्यादा गुस्सा आने का आपके हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर हो सकता है।
ब्रिटिश हार्ट एसोसिएशन की एक रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर आपको अक्सर गुस्सा आता रहता है तो ये ब्लड प्रेशर को काफी बढ़ाने वाली स्थिति हो सकती है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण हृदय स्वास्थ्य पर दबाव बढ़ता है जिससे हार्ट अटैक आने का खतरा भी बढ़ जाता है।
जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट बताती है कि अक्सर गुस्से में रहने वाले लोगों की रक्त वाहिकाओं में मौजूद कोशिकाएं ठीक से काम करना बंद कर देती हैं जिसके कारण कोरोनरी आर्टरी डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक का बढ़ जाता है खतरा
साल 2015 में सर्कुलेशन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि तीव्र स्तर के गुस्से के 2 घंटे के भीतर हार्ट अटैक होने की आशंका लगभग पांच गुना बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि गुस्से की अवस्था में स्ट्रेस हार्मोन (जैसे एड्रेनालिन और कोर्टिसोल) बहुत तेजी से बढ़ते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन को असामान्य रूप से बढ़ा देते हैं। इससे हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है।
लगातार गुस्सा करने वाले लोगों की धमनी में सूजन और संकुचन की दिक्कत भी अधिक होती है, जो समय के साथ धमनियों की कठोरता का कारण बनती है, इसके कारण भी हार्ट अटैक हो सकता है।
ज्यादा गुस्सा आने के और भी कई नुकसान
ज्यादा गुस्सा आने की समस्या सिर्फ हृदय स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, इसके और भी कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
बार-बार गुस्सा आने की समस्या मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर डालती है, जो डिप्रेशन और एंग्जायटी को बढ़ावा दे सकती है।
गुस्सा आने की स्थिति नींद की समस्या उत्पन्न करने लगती है। इससे आपको एकाग्रता में कमी और निर्णय लेने की क्षमता पर भी असर हो सकता है।
इस तरह का भावनाएं पाचन समस्याएं जैसे अल्सर, एसिडिटी को भी बढ़ाने वाली हो सकती हैं।
गुस्से को कंट्रोल कैसे किया जाए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आप दिनचर्या में कुछ प्रकार के बदलाव करके गुस्से को कंट्रोल कर सकते हैं साथ ही इसके कारण होने वाली समस्याओं के खतरे को भी कम कर सकते हैं। गहरी सांस लेने, मेडिटेशन-योग, नियमित व्यायाम की आदत बनाकर आप गुस्से को नियंत्रित कर सकते हैं।
हालांकि अगर इन उपायों से भी आपको लाभ न मिल रहा हो तो किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह ले लें। कई बार डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी स्थितियां भी गुस्से को बढ़ाने वाली हो सकती हैं जिसका समय पर निदान और इलाज किया जाना जरूरी है। डॉक्टर आपको समस्या के आधार पर दवाओं और थेरेपी के माध्यम से गुस्स को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।
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