वीडियो
Power of Words:The Political Slogans in Indian Elections | जब नारों ने बनाए और बिगाड़े चुनावी खेल |
चुनाव के दौरान जहां दांव-पेंच की राजनीति अपनी चरम पर होती है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल और नेताओं का एक ही लक्ष्य होता है कि चुनाव का प्रचार प्रभावी कैसे हो? कैसे अपनी बातों को आम जन तक पहुंचाया जाए? और उसका सबसे कारगर तरीका होता है असरदार नारा... जो जनता को सीधे आकर्षित करे, उनकी जुबान पर चढ़ जाए और उसका भरपूर फायदा राजनीतिक दलों को मिले।आज हम आपको ऐसे ही कुछ यादगार और मशहूर चुनावी नारों की कहानी सुनाने जा रहे हैं, विशेषकर भारतीय चुनाव के संदर्भ में, जिनकी रचनात्मकता और असर ने न केवल चुनावों को प्रभावित किया बल्कि दशकों पुराने ये नारे आज भी समसामयिक लगते हैं।
Monsoon | क्या होता है मानसून और भारत में कैसे आता है? Mystery of Monsoon | गर्मी से राहत कब मिलेगी?
जब भी आसमान में बादल घुमड़ने लगते हैं तो हम ये मान लेते हैं कि मानसून ने दस्तक दे दी है। लेकिन सूने आसमान में बादल ऐसे ही नहीं बनते....और महीने-दो महीने तक बारिश का मौसम यूं ही नहीं कहलाता। साल भर तक प्रक्रिया चलती है..और तब जाकर बारिश हम तक पहुंच पाती है। यानी जून-जुलाई में होने वाली बारिश का संबंध जनवरी-फरवरी से भी है। आखिर क्या होता है मानसून और भारत में यह कैसे आता है? जानने के लिए देखिए VishayVishesh का यह खास कार्यक्रम। अगर पसंद आए तो कृपया Like, Share और Subscribe जरूर कीजिएगा।
India-China Border Dispute Explained | डोकलाम से गलवान तक, क्या है भारत-चीन सीमा विवाद का इतिहास |
भारत चीन के साथ 3,488 किलोमीटर की सीमा को साझा करता है लेकिन चीन की विस्तारवादी और आक्रामक नीतियों की वजह से भारत और चीन के बीच अक्सर सीमा रेखा को लेकर विवाद होते रहते हैं। चीन के साथ भारत का यह सीमा विवाद हिमालय की ऊंची और दुर्गम चोटियों के सहारे अफगानिस्तान की सीमा से शुरू होकर म्यांमार की सीमा के नजदीक पिछलू दर्रे के पास तक जाती है। इन्हीं रास्तों में अक्साई चिन, गलवान घाटी, डोकलाम, नाथूला से होते हुए मैकमोहन लाइन और तवांग घाटी आदि सभी क्षेत्र आते हैं। आखिर क्या है इस सीमा विवाद का इतिहास और क्यों नहीं सुलझता है यह विवाद... जानने के लिए देखिए VisahyVishesh का यह खास प्रोग्राम...
India-China Border Dispute Explained | Great Trigonometric Survey | भारत-चीन के बीच सीमा निर्धारण
भारत-चीन सीमा निर्धारण के बीच क्या है Great Trigonometric Survey? 19वीं सदी में ब्रिटेन और रूस के बीच चले The Great Game की भारत और चीन के बीच सीमा निर्धारण में क्या भूमिका है? 1933 तक अक्साई चीन को भारत का हिस्सा बताने वाला चीन 1943 में क्यों पलट गया? देखिए भारत-चीन सीमा विवाद की ऐतिहासिक कहानी सिर्फ Vishay Vishesh YouTube Channel पर। प्रोग्राम पसंद आए तो कृपया Like, Share और Subscribe जरूर कीजिएगा। आखिर क्या है इस सीमा विवाद का इतिहास और क्यों नहीं सुलझता है यह विवाद... जानने के लिए देखिए VisahyVishesh का यह खास प्रोग्राम...
India-China Border Dispute Explained | Part-3 | चीन क्यों नहीं मानता है मैकमोहन लाइन | डोकलाम विवाद
पूर्वी सेक्टर में चीन पूरे अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है। चीन इसे दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है। चीन तिब्बत और अरुणाचल प्रदेश के बीच की मैकमोहन लाइन को भी नहीं मानता है। 1140 किलोमीटर लंबी मैकमोहन लाइन भूटान से हिमालय के साथ-साथ ब्रह्मपुत्र नदी के महान मोड़ तक जाती है। वहीं भारत मैकमोहन लाइन को चीन के साथ अपनी स्थायी सीमा रेखा मानता है जबकि चीन इसे नकारता है। चीन का कहना है कि उसने 1914 में हुए शिमला समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया था इसलिए वह मैकमोहन लाइन को स्थायी सीमा रेखा नहीं मानेगा। क्या है पूरी कहानी देखिए इस वीडियो में..
India-China Border Dispute | Part-4 | चीन ने अक्साई चिन पर कैसे किया कब्जा? अक्साई चिन का इतिहास
फ्रांस के पत्रकार क्लॉड आर्पी ने अपनी किताब The Fate of Tibet: When Big Insects Eat Small Insects में CIA के कुछ दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा है कि 1951 में ही चीन की सेना ने अक्साई चिन का दौरा किया था और 1953 में सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया था। भारत को 1957 में इस सड़क के बारे में पता चला और 1958 में तो चीन ने बकायदा इसकी आधिकारिक घोषणा भी कर दी। अक्साई चीन पर चीन के जबरन कब्जे की पूरी कहानी देखिए इस वीडियो में.... पसंद आए तो Like, Share और Subscribe जरूर कीजिएगा। आप इस पूरे आलेख को vishayvishesh.com पर पढ़ भी सकते हैं।