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Russia Ukraine War Part - 3 | Russia Ukraine crisis and the role of NATO
तीसरे भाग में हम बात करेंगे कि नाटो को लेकर रूस इतना कड़ा रूख क्यों रखता है? और वह क्यों नहीं चाहता है कि यूक्रेन किसी भी सूरत में नाटो का सदस्य बने? साथ ही जानेंगे कि नाटो क्या है? इसका मकसद क्या है? यूक्रेन क्यों नाटो का सदस्य बनना चाह रहा है और रूस क्यों इसका विरोध कर रहा है? इसके अलावा नाटो से रूस के रिश्ते अब तक कैसे रहे हैं? और भविष्य में किस तरह के संबंध होने की संभावना है?
Russia Ukraine War Part - 4 | Russia Ukraine Crisis and Empact on Global Economy
युद्ध न सिर्फ मानवीय त्रासदी के कारण बनते हैं, बल्कि बड़े पैमाने पर आर्थिक बर्बादी भी लाते हैं। और खासकर ऐसी स्थिति में और ज्यादा, जब खुली अर्थव्यवस्था और ग्लोबल विलेज की वैश्विक संकल्पना के साथ दुनिया के हर देश व्यापार और कारोबार के जरिए एक दूसरे के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हों। ऐसे में रूस-यूक्रेन युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना लाजिमी है। रूस-यूक्रेन युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर के बारे में जानने के लिए जरूर देखिए विषय विशेष की रूस-यूक्रेन युद्ध सीरीज पर यह खास एपिसोड
Imran Khan and Destitute Pakistan | इमरान खान और बदहाल पाकिस्तान
बड़े-बड़े वादे करने वाले और पाकिस्तान को आर्थिक, सामरिक और वैश्विक ताकत बनाने का खोखला दावा करने वाले इमरान खान के शासनकाल के बमुश्किल अभी तीन साल और सात महीने ही पूरे हुए थे, कि भ्रष्टाचार, महंगाई और पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था के साथ ही असफल विदेश नीति का हवाला देते हुए विपक्षी पार्टियां पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली में इमरान खान की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। इमरान खान की मुश्किलें तब और बढ़ गईं, जब उनकी ही पार्टी के करीब दो दर्जन सांसदों ने उनका साथ छोड़ दिया। दरअसल पाकिस्तान में लोकतंत्र के अस्थिर होने का खामिय
Jallianwala Bagh | 13 April 1919 - One of the Biggest Massacre in History
इतिहास में अमृतसर के कसाई के नाम से जाना जाने वाला जनरल डायर द्वारा किया गया जलियाँवाला बाग नरसंहार, किसी ब्रिटिश अधिकारी द्वारा व्यक्तिगत तौर पर की गई निर्मम सामूहिक हत्या की अपने आप में पहली घटना थी। हिंसा, क्रूरता और राजनीतिक दमन ब्रिटिश राज में पहली बार नहीं हुआ था, और न ही यह अपवाद था, लेकिन यह अपने आप में एक अलग स्तर की क्रूरता थी, जिसका कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता। जलियाँवाला बाग़ नरसंहार से जुड़े अनछुए पहलुओं को देखिए, सिर्फ Vishay Vishesh Channel पर।
Unsung Heroes - Bawani Imli - 52 Shahidon ki Amar Gatha | Azadi Ke Gumnaam Nayak
आजादी की लड़ाई के गवाह सिर्फ क्रांतिकारी, राष्ट्रीय नेता, आम जनता या लिखी गई दस्तावेज ही नहीं हैं..
Panchayati Raj Vyavastha | भारत में पंचायती राज व्यवस्था
भारत गांवों में रहता था और आज भी गांवों में रहता है। भले ही भारत में औद्योगिक विकास काफी हो चुका है, और शहरों का दायरा भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है...
Jammu and Kashmir : Delimitation | जम्मू-कश्मीर परिसीमन: इतिहास, बदलाव और असर !
देश के अलग-अलग इलाकों के साथ ही एक ही राज्य के अंदर विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में जनसंख्या की असमान वृद्धि को संतुलित करने और क्षेत्रफल के हिसाब से सीटों का निर्धारण करने के लिए एक निश्चित अंतराल पर परिसीमन जरूरी है। जिसमें सामान्य और अनु.
काकोरी कांड के महानायक - राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ | Unsung Hero – Ram Prasad Bismil
देश की आजादी की चाह दिल में लिए इस दुनिया से कूच करने वाले पंडित राम प्रसाद बिस्मिल किसी धनाढ्य घर में पैदा नहीं हुए थे। कोई बहुत बड़ी शिक्षा-दीक्षा का आडंबर भी उनके साथ नहीं था। वे स्वाधीनता के लिए छटपटाती हुई आम जनता और उसके वीरता के लिए जान न्योछावर कर सकने वाले बहादुर नौजवानों के सच्चे प्रतिनिधि थे। वे एक सीधे-साधे वीर देशभक्त थे। कोई प्रौढ बुद्धि विचारक भी नहीं थे लेकिन भारत माता के एक सच्चे वीर सिपाही जरूर थे जिन्होंने देश के लिए अपना प्राण होम कर दिया। अपनी फांसी से तीन दिन पहले बिस्मिल ने अपनी आत्मकथा लिखी और फांसी के वक्त यह कहते हुए शहीद हो गए कि “I wish the downfall of the Britis
President Election 2022 | राष्ट्रपति चुनाव | कैसे चुना जाता है देश का प्रथम व्यक्ति
भारत के संविधान निर्माताओं ने भारत में लोकतंत्र की संसदीय प्रणाली को अपनाया। संसदीय प्रणाली में राष्ट्रपति संवैधानिक अध्यक्ष होता है लेकिन वास्तविक शक्ति मंत्रिपरिषद में निहित होती है। जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होता है। वहीं, अमेरिका में सरकार का स्वरूप अध्यक्षात्मक है। जिसका अध्यक्ष निर्वाचित राष्ट्रपति होता है। इस लिहाज से हमारा एक अनोखा स्थान है। हम एक ही साथ संसदीय राज्य व्यवस्था और राष्ट्रपति वाले गणराज्य की श्रेणी में आ जाते हैं। यही वजह कि संविधान सभा में राष्ट्रपति पद के निर्वाचन के लिए संविधान निर्माताओं ने एक चयनित प्रक्रिया का व्यापक आधार अपनाया। जिसमें राष्ट्रपति को अप्रत्यक्ष र
क्यों हिरोशिमा और नागासाकी पर ही हुए परमाणु हमले ? Hiroshima & Nagasaki Nuclear Attack
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जापान पर गिराए गए परमाणु बम की भयावह घटना को कोई कैसे भूल सकता है। दुनिया के इतिहास में घटे इस सबसे बड़ी युद्ध त्रासदी ने पलक झपकते ही दो हंसते-खेलते शहरों को मिट्टी में मिला दिया, बर्बादी की यैसी पराकाष्ठा लिखी दी, जो न कभी हुआ था और ना ही उसकी कल्पना की जा सकती थी। सात दशक से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद, आज भी हिरोशिमा और नागासाकी के लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं उस घटना को याद कर। इस परमाणु हमले ने लाखों लोगों की जीवन को लील लिया। लाखों लोगों के जीवन को जिंदा नरक बना दिया। दरअसल इस विभत्स हमले में जो मरे...वो बेहद दुखदायी तो था ही...लेकिन असल दुर्भाग्य तो उन