संदर्भ विशेष
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 2021: महत्व और जरूरत

दुनिया में किसी भी देश में शासन व्यवस्था को चलाने के सबसे लोकप्रिय रूपों में से एक है लोकतंत्र... जहां समाज के अंतीम छोर पर बैठा व्यक्ति भी अपने मत और अधिकार का इस्तेमाल कर देश में सुशासन और लोकतांत्रिक सरकार के गठन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह वह व्यवस्था है जो अपने राज्य के हर नागरिक को बिना किसी भेदभाव के उनके सभी अधिकारों को सुनिश्चित करता है और राज्य के विकास में उनके सक्रिय भागीदारी को लगातार बढ़ावा देता है। लोकतंत्र के इस बुनियाद को ज्यादा से ज्यादा मजबूत बनाने के लिए हर साल 15 सितंबर को अतंर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाया जाता है।
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20 साल पहले आतंकी हमला: अमेरिका का रुख और कितना हुआ बदलाव

9 सितंबर 2001 (9/11) अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमला बेहद दर्दनाक था। न्यूयॉर्क के ट्विन टावर से लटकते पीड़ितों का दृश्य आज भी आंखों के सामने तैरता है। अमेरिका में हुए इस आतंकी हमले ने एक के बाद एक उन घटनाओं को जन्म दिया, जिसने अमेरिका और उसके सहयोगी अफगानिस्तान में दो दशक लंबे युद्ध में उलझते चले गए। और इसकी परिणति 30 और 31 अगस्त की दरम्यानी रात को देखने को मिली जब अमेरिका का सैन्य विमान सी-17 काबुल के हामिद करजई एयरपोर्ट से अमेरिकी सैनिकों की आखिरी टुकड़ी के साथ आखिरी उड़ान भरा। इस उड़ान के साथ ही यह साफ हो गया कि अफगानिस्तान में 20 साल तक चले अमेरिकी सैन्य अभियान का अंत हो गया है। हालांकि तालिबान के साथ हुए समझौते के मुताबिक अमेरिका को 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ना था लेकिन अमेरिका ने अपना यह सैन्य मिशन तय समय से एक दिन पहले ही समाप्त कर दिया। जिस तालिबान को 20 साल पहले अमेरिका से हारकर काबुल से भागना पड़ा था उसी तालिबान ने 15 अगस्त 2021 को अमेरिका की मौजूदगी में ही काबुल पर कब्जा जमा लिया और अफगानिस्तान पर दोबारा अपना शासन कायम कर लिया।
आजादी का 75वां जश्न और हमारी विरासत

15 अगस्त 1947...भारतीय इतिहास का वह सुनहरा दिन... जब सदियों की गुलामी और दासता के बाद भारत ने आजादी हासिल की थी....खुदमुख्तार मुल्क के रूप में 15 अगस्त 1947 को भारत ने दुनिया के मानचित्र पर अपनी जगह बनाई और यह तारीख हर भारतीय के दिलों-दिमाग पर सुनहरे अक्षरों में अंकित हो गया...। आजाद होने के बाद भारत ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, लगातार कठिन परिश्रम और वसुधैव कुटुंबकम की नीति पर आगे बढ़ते हुए हर क्षेत्र में विकास और बदलाव को नई दिशा और गति प्रदान की। इन कोशिशों का नतीजा ये हुआ कि हर क्षेत्र में बदलाव हुए जिन्होंने देश के रुख को बदल दिया और भारत को एक नई पहचान दी। आज भारत शिक्षा, अर्थव्यवस्था, तकनीक, रक्षा, खेल, उद्योग और नवाचार समेत तमाम क्षेत्रों में वैश्विक पटल पर अपनी सुदृढ़ पहचान के साथ खड़ा है।
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